राजनीतिक पुरुष सीएम नीतीश कुमार
....राहुल राज रेणु
नीतीश कुमार को विकास पुरुष कहना यह कोई शंका या बनाई बात नही है ,यह शत प्रतिशत सत्य है कि मैंने जो अनुभव किया है, मैं जो देख रहा हूँ , नीतीश कुमार विकास पुरुष ही हैं | विरासत में भले ही राजनीति नहीं मिली हो लेकिन ये बिहार की राजनीति को सिंच कर विरासत बनाये रखने के लिए जोड़ और गुना भाग करते हैं |
वर्तमान समय में देश की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी दो ही है पहली BJP और दूसरी कॉंग्रेस | यही अगर क्षेत्र स्तरीय पर पार्टी की लोकप्रियता देखी जाय तो BJP कॉंग्रेस आपस में प्रतिद्वंदी नहीं है बल्कि ये दोनों पार्टियां क्षेत्रीय पार्टियों से संघर्षरत हैं |हाँ , BJP और Congress की कुछ जगहों में बहुमत मे हैं, ब्लकि आधे से अधिक जगहों पर बोलबाला अन्यों की है |
भलें ही बीजेपी को 10 में 7 वोट ना मिलती हो लेकिन 10 में से 7 प्रशंसक Bjp के ही हैं | बिहार के लिए देखा जाय तो श्री कुमार हमेशा से बेहतर cm है , बस उसी 10 में से 7 व्यक्ति के कारण इनकी प्रशंसा कम हो पाती , राजनीति को लोग प्रतिद्वंदीता के रुप में परखते है इसी कारण जदयू पीछे रहने लगी है , जिस दिन मापने की पैमाने अलग अलग हो जाएगा , उस दिन नीतीश कुमार के रूप में तौफा बिहार को मिला है,लोग समझेंगे |
नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद ही उनके कार्यशैली और लालू परिवार पर लग रहे आरोपों ने RJD को लगभग समाप्त ही कर दिया था | यादव की राजनीति पूरी तरह समाप्त थी BC,EBC, माइनॉरिटी,Sc st पर पूरा हक़ जदयू की हो गई थी , शायद श्री कुमार ने बीजेपी के साथ रहकर स्वयं बीजेपी का मुख्य नेता होने का दावा 2013 में करने लगे, और श्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार मानने से इन्कार करने लगे | जैसी की लोगों का कहना है |सच्चाई क्या है मुझे भी नहीं मालूम |
आज RJD के द्वारा पलटू नाम की संज्ञा दी गई है, RJD को यह भी स्वीकार करना होगा कि उन्हें 2014 में नीतीश कुमार ही पुनर्जीवित किया है, और वापस यादवों ,sc st ,माइनॉरिटी पर कब्जा जमा पाए है, जबकि सभी आरजेडी का साथ छोड़ चुके थे |
नीतीश कुमार की तल्खी समाप्त हुई बीजेपी के साथ हुए | बिहार में RJD Bjp बड़ी पार्टी हो गई ,और नीतीश कुमार बीच में ही फस कर रह गए, अब नेताओं की सत्ता पर पार्टियां अपना वर्चस्व के लिए रास्ता ढूँढने लगे |
असली खेल तब शुरूवात हुई जब rcp सिंह , जदयू के कम और Bjp के प्रशंसक हो रहे थे, तब तक महाराष्ट्र की सराकार टूट रही थी, नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक माहौल को भाप चुके थे, और RJD के साथ सरकार बना लिया |
आज देखा जाय तो केंद्र सरकार की तरह से भर्तियां आना 2014 से ही कम हो गई है अगर बिहार के नीतीश कुमार छोटी छोटी रिक्तियों से आशा ना दिलाती , बिहार में बेरोजगारी 100% हो जाती | नीतीश तेजस्वी की जोड़ी ने बिहार को शिक्षको की भरमार रूप से बहाली कर दी ,लेकिन मेरा जो अनुमान है नीतीश कुमार की शायद पहली चुनौती बिहार कोष की कमी सता रही होगी, चुकी केंद्र सरकार ने गठबंधन की सराकार की कई फंड बंद कर रखी थी | हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए इस फेरे में हम जनता ही पिसते है |
लोकसभा चुनाव नजदीक है नीतीश कुमार ने Bjp के साथ सरकार बना लिया है,
इसका आंकलन मैंने जो निकाला उससे मुझे दो कारण मिला, बिहार में jdu को बचाने के लिए Bjp के साथ आना बहुत जरूरी है चुकी दोनों के वोट बैंक अलग अलग धारा के है और इसी के सहारे jdu पुनर्जीवित रहेगी | दूसरी सबसे महत्वपूर्ण कारण दूरदर्शी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो देखा है वो यह हो सकता है कि इसी बहाने केंद्र सरकार से बिहार की खाली कोष को बड़ी राशि मिलेगी | लोगों को यह भी जनाना चाहिए नीतीश कुमार लोगों से दो शब्द सुन कर भी बिहार की भलाई के लिए जो उचित और सही लगा किया|
हमे ऐसे मुख्यमंत्री को दिल से धन्यवाद देना चाहिए |
धन्यवाद ! नई कड़ी के साथ पुनः मिलते हैं |
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