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Teen maut || rahul raj renu ||तीन मौत || राहुल राज रेणु || part-1

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                                                                 -ःतीन मौतः-                                                                                                        -राहुल राज रेणु    रात का खाना खाने के बाद थोड़ी बहुत खाना बच जाती थी। उस खाने को सुलोचना बाहर बरामदा पर रख जाती थी।    “सुलोचना कटिहार के सबसे धनी लाला का दुलारी बेटी थी। सुलोचना के पिता जी इज्जतदार व्यक्ति थें।उनके घर में तीन ही आदमी का बसेरा रहता.....माँ-पिता जी और सुलोचना।सुलोचना का एक बड़ा भाई बैंगलोर में ईंजीनियर  की पढ़ाई कर रहा है।सुलोचना बी0एस0सी की छात्रा है...

बात CM #नीतीश_कुमार और उनके #राजनीति_बिहार की BJP या RJD या पूरा JDU

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  राजनीतिक  पुरुष  सीएम  नीतीश कुमार             ....राहुल राज रेणु    नीतीश कुमार  को विकास पुरुष कहना यह कोई शंका या बनाई बात नही है  ,यह शत प्रतिशत सत्य है कि मैंने  जो अनुभव किया है, मैं जो देख रहा हूँ  , नीतीश कुमार  विकास पुरुष ही हैं  | विरासत में भले ही राजनीति  नहीं  मिली हो   लेकिन ये  बिहार की राजनीति को  सिंच कर  विरासत बनाये रखने के लिए  जोड़ और गुना भाग करते हैं |         वर्तमान समय में देश  की   सबसे लोकप्रिय  राजनीतिक पार्टी  दो ही है पहली BJP और दूसरी कॉंग्रेस | यही अगर क्षेत्र स्तरीय पर पार्टी की लोकप्रियता देखी जाय तो  BJP कॉंग्रेस आपस में प्रतिद्वंदी  नहीं है बल्कि ये दोनों पार्टियां क्षेत्रीय पार्टियों से संघर्षरत हैं |हाँ  , BJP और  Congress की  कुछ जगहों में बहुमत मे हैं,  ब्लकि  आधे से अधिक जगहों पर  बोलबाला अन्यों की  है |    ...

वह पिस्तौल वाला लेखक- फणीश्वरनाथ रेणु | wah pistol wala lekhak - phanishwar nath renu |rahulrajrenu|राहुल राज रेणु |

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  वह पिस्तौल वाला लेखक- फणीश्वरनाथ रेणु --------------------------- गांवों की जीवन्तता के अद्भुत चितेरे हिंदी लेखक फणीश्वरनाथ रेणु की यह दुर्लभ तस्वीर 1951-52 में नेपाल में राणाशाही के विरुद्ध हुई क्रांति के दौर की है। नेपाल राष्ट्र को अपनी मौसी मां कहने वाले रेणु उस वक़्त उस क्रांति में अपने मित्रों (कोईराला बन्धु) का साथ देने पहुंच गए थे। उस क्रांति में रेणु को नेपाली रेडियो के संचालन की भूमिका दी गयी थी। यह सीधे सीधे बंदूक चलाने वाला काम नहीं था। मगर जब वे उस क्रांति में भाग लेने जा रहे थे तो कहा जाता है कि उनकी पत्नी लतिका रेणु ने उन्हें यह पिस्तौल भेंट की थी कि बुरे वक़्त में यह उनकी रक्षा करेगा।लेकिन ऐसा नहीं है,रेणु के व्यक्तिगत जीवन में उनके अनेक शत्रु थे,जो रेणु को परेशान करते थे और उनकी जान लेना चाहते थे।स्थिति को देखते हुए उनके परम मित्र राष्ट्र कवि दिनकर जी ने रेणु को सुझाव दिया कि तुम एक पिस्तौल आत्मरक्षार्थ ले लो.. दिनकर जी उन दिनों राज्यसभा के सदस्य थे और प्रधानमंत्री नेहरु जी के काफी प्रिय थे,तो उन्होंने रेणु की सिफारिश पिस्तौल के लाईसेंस के लिए नेहरु जी से किया और ...

phanishwar nath renu| shailendr| teesri kasam |bharat yayavar| rahul raj renu|page-8| फणीश्वर नाथ रेणु | शैलेन्द्र | तीसरी कसम अर्थात मारे गए शैलेन्द्र | भारत यायावर |राहुल राज रेणु |पेज -8

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                                ||   तीसरी कसम अर्थात् मारे गए शैलेन्द्र ||            पेज -8                                                                           ----भारत यायावर   1960 तक शैलेन्द्र अपने गीतों की लोकप्रियता के कारण हिन्दी फिल्म-जगत् में बड़े गीतकारों की श्रेणी में पहली पायदान पर पहुँच चुके थे। उन्होंने इतना नाम-यश अर्जित कर लिया था , जिसे बहुत कम कलाकार लम्बा जीवन जीकर भी नहीं पा सके। वे अब अपनी ...

phanishwar nath renu| shailendr| teesri kasam |bharat yayavar| rahul raj renu|page-7| फणीश्वर नाथ रेणु | शैलेन्द्र | तीसरी कसम अर्थात मारे गए शैलेन्द्र | भारत यायावर |राहुल राज रेणु |पेज -7

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                                ||   तीसरी कसम अर्थात् मारे गए शैलेन्द्र ||           पेज -7                                                                           ----भारत यायावर   जो जिससे मिला सीखा हमने , गैरों को भी अपनाया हमने मतलब के लिए अन्धे बनकर रोटी को नहीं पूजा हमने अब हम तो क्या सारी दुनिया , सारी दुनिया से कहती है हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है ! ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित फि...

phanishwar nath renu| shailendr| teesri kasam |bharat yayavar| rahul raj renu|page-6| फणीश्वर नाथ रेणु | शैलेन्द्र | तीसरी कसम अर्थात मारे गए शैलेन्द्र | भारत यायावर |राहुल राज रेणु |पेज -6

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                                  ||  तीसरी कसम अर्थात् मारे गए शैलेन्द्र ||          पेज -6                                                                            ----भारत यायावर       ‘‘ ज़िन्दगी    ख़्बाव है    ख़्बाव में झूठ क्या !    और भला सच है क्या !’’        यह गीत अपने ढांचे में नई कविता की तरह है। ‘अनाड़ी’ फिल्म का शीर्षक-गीत — ‘‘सब कुछ सीखा हमने , ना सीखी होशियारी , सच है दुनिया वालो कि हम हैं अनाड़ी !’’ जब मुक...

phanishwar nath renu| shailendr| teesri kasam |bharat yayavar| rahul raj renu|page-5| फणीश्वर नाथ रेणु | शैलेन्द्र | तीसरी कसम अर्थात मारे गए शैलेन्द्र | भारत यायावर |राहुल राज रेणु |पेज -5

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                                ||  तीसरी कसम अर्थात् मारे गए शैलेन्द्र ||          पेज -5                                                                           ----भारत यायावर              फिर शैलेन्द्र ने राज कपूर की ‘बरसात’ फिल्म के लिए उसका शीर्षक गीत लिखा — ‘‘बरसात में हमसे मिले तुम सजन , तुमसे मिले हम , बरसात में।’’ यह 1949 की सबसे ज्यादा व्यावसायिक लोकप्रियता ग्रहण करने वाली फ...