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Showing posts from March, 2019

Teen maut || rahul raj renu ||तीन मौत || राहुल राज रेणु || part-1

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                                                                 -ःतीन मौतः-                                                                                                        -राहुल राज रेणु    रात का खाना खाने के बाद थोड़ी बहुत खाना बच जाती थी। उस खाने को सुलोचना बाहर बरामदा पर रख जाती थी।    “सुलोचना कटिहार के सबसे धनी लाला का दुलारी बेटी थी। सुलोचना के पिता जी इज्जतदार व्यक्ति थें।उनके घर में तीन ही आदमी का बसेरा रहता.....माँ-पिता जी और सुलोचना।सुलोचना का एक बड़ा भाई बैंगलोर में ईंजीनियर  की पढ़ाई कर रहा है।सुलोचना बी0एस0सी की छात्रा हैं।”   सोमवार की रात को सुलोचना खाना खाने के बाद बाहर बरामदे पर खाना कुत्तों को खाने रख गईं।सोने के कुछ देर बाद अचानक  उनको याद आई कि अँगुठी भी वह बाहर ही छोड़ गई हैं।उलटे पाँव वह वापस बाहर आने लगी ,उसने देखा कि एक आदमी काॅफी बुरी तरह से फटी-चिटी गंदी कपड़ा पहना हुआ ।सर की बड़ी-बड़ी भद्दी बाल,दाड़ी भी बड़ी पुरा गंदा दिख रहा था।सुलोचना काॅफी डर गई...वह व्यक्ति भी ठंड से सिकुड़ रहा था। ठंड से उनके हाथों से वह जुठा खाना खाया नही जा रहा था।सुलोचना भिखारी स

मुंगेरी की माँ -3|| Mungeri Ki Maa -3 || Rahul Raj Renu ||राहुल राज रेणु ||

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part -1 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-rahul-raj-renu.html            part -2 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-2-rahul-raj-renu.html  महाजन ,चुनाव जितने के लिए हर संभव प्रयास करने लगा | लोगो के दिलों में किस तरह  जगह बनाये ?यह बड़ी समस्या हो गई |      अगले दिन महाजन ने पुरें गांव में सभी कों खबर दे दिया | मुंगेरी की शादी करवानी है ,गरीब हैं ,बीना पिता   की पली –बड़ी है   |सभी थोड़ी थोड़ी मदद करेंगे तो अच्छे घर में शादी होगी   | बाकी जितना   पैसा लगेगी , मैं दूंगा   |      काफी पैसा इकठ्ठा हुआ |मुंगेरी की माँ ने भी   अपने बचाए हुए पैसे कों महाजन कों दे दी |              महाजन की इस उदारता कों कों देख कर लोगों ने उन्हें भारी मतों से चुनाव में जीत दिलवाया   | बहुत दिनों बाद में मालुम हुई |मुंगेरी की शादी में महाजन ने बहुत पैसा   बचाया और मुंगेरी माँ के   पैसे भी उन्होंने ही रख लिया |            सुबह महाजन   के घर   काम करने के बाद मुंगेरी की माँ सुबह सात बजे अनिकेत   कमरे की मालकिन की   काम करने आती है |मालकिन के गं

मुंगेरी की माँ -2|| Mungeri Ki Maa -2 || Rahul Raj Renu ||राहुल राज रेणु ||

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                                 part -1 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-rahul-raj-renu.html                                                                                  part-3 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-3-rahul-raj-renu.html   रात हो गई .पूरा गांव के लोग विध्यालय की छत पर थे | लेकिन महाजन कों फिर भी , अपने डूब रहे घर की चिंता थी ,थोड़ी बहुत सामान अपने फूस घर के छप्पर पर रखवा दिये थे | पानी बढ़ कर छाती भर हो गई थी |सुनने में आया की कुछ बाहरी लोग नाँव पर आते है  |सामान लुट लेते है ,औरतों के गहने छीन लेते है ,सबसे अधिक वो बहते लाशों कों पकड़ कर उनके गहने निकलते है | छत पर सुगिया माय की बात सबको डरा दिया |    महाजन के घर अगले साल   आग लगी थी , सभी लोग   बुझाने के लिए पूरा कोशिश किया लेकिन महाजन के पिता ने किसी कों अपने आँगन नही जाने दिया |बाद में पता   लोगों से चला की..वे पैसा,जेवर-जेवरात ,बीच घर में   मिट्टी   के निचे दबा कर रखा था |     चारों तरफ लाश बह रही थी ,छत के लोगों कों सबसे ज्यादा चिंता थी ..बाढ़ क

मुंगेरी की माँ -1|| Mungeri Ki Maa -1 || Rahul Raj Renu ||राहुल राज रेणु ||

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                         मुंगेरी की माँ   part -2 link -  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-2-rahul-raj-renu.html   part -3 link -  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/03/mungeri-ki-maa-3-rahul-raj-renu.html दसवीं पास होने के बाद विद्यार्थियों  की सोच काफ़ी विकसित हो जाती है | इंटर (अंत:स्नातक) में नामांकन अभी हुई भी नही होती है ,लेकिन आगे की पढाई के लिए कौन सी विषय सही होगी हैं इसकी कामना मन में आ  जाती है | बड़ी  नौकरी के सपने दिन के उजालों में  खुली आँख  से देखने लगते हैं | किन्तु अफ़सोस ! अधिक बच्चों की आगे की पढाई की विषय माता –पिता के  मन से होती है |शायद यह सही भी होती हैं | क्योकिं हर माता-पिता की अपनी –अपनी विचार होती है | कुछ अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अपने बच्चों कों दूसरी विषय चुनने के लिए मनाते है तो कुछ पिता अपनी लम्बी सपनो के लिए ,अपने बच्चों की कमज़ोरी जाने बिना दूसरी विषयों के लिए मजबूर करते है |                 विद्यार्थी शहर के हो या गांव के ! दोनों के साथ ऐसी समस्याएं होती है |                              शहर की विद्यार्थी हो