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Showing posts from January, 2019

Teen maut || rahul raj renu ||तीन मौत || राहुल राज रेणु || part-1

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                                                                 -ःतीन मौतः-                                                                                                        -राहुल राज रेणु    रात का खाना खाने के बाद थोड़ी बहुत खाना बच जाती थी। उस खाने को सुलोचना बाहर बरामदा पर रख जाती थी।    “सुलोचना कटिहार के सबसे धनी लाला का दुलारी बेटी थी। सुलोचना के पिता जी इज्जतदार व्यक्ति थें।उनके घर में तीन ही आदमी का बसेरा रहता.....माँ-पिता जी और सुलोचना।सुलोचना का एक बड़ा भाई बैंगलोर में ईंजीनियर  की पढ़ाई कर रहा है।सुलोचना बी0एस0सी की छात्रा हैं।”   सोमवार की रात को सुलोचना खाना खाने के बाद बाहर बरामदे पर खाना कुत्तों को खाने रख गईं।सोने के कुछ देर बाद अचानक  उनको याद आई कि अँगुठी भी वह बाहर ही छोड़ गई हैं।उलटे पाँव वह वापस बाहर आने लगी ,उसने देखा कि एक आदमी काॅफी बुरी तरह से फटी-चिटी गंदी कपड़ा पहना हुआ ।सर की बड़ी-बड़ी भद्दी बाल,दाड़ी भी बड़ी पुरा गंदा दिख रहा था।सुलोचना काॅफी डर गई...वह व्यक्ति भी ठंड से सिकुड़ रहा था। ठंड से उनके हाथों से वह जुठा खाना खाया नही जा रहा था।सुलोचना भिखारी स

उलझन || Uljhan ||rahul raj renu|| राहुल राज रेणु

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                                                                       || उलझन ||                                                                                                                                                                    -राहुल राज रेणु                            part -2 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/02/uljhan-part-2-rahul-raj-renu.html     Part-3 link  https://rahulrajrenu.blogspot.com/2019/02/3-uljhan-part-3-rahul-raj-renu.html     बचपन से राजीव बाहर खटा है ...राजीव की जिन्दगी  हमेशा से  बहुत ही साफ-सुथरी रही है ,जब जो मन में आया ,उसने किया |  लेकिन लोगो से जुड़ कर भी कम ही रहा है ,बस ! पढाई के क्रम में जितनी सी दोस्ती हुई ,उन्ही से मेल -जोल आज तक है | किसी तरह इंटर की पढाई किया ..वह भी अपना मन से नहीं घर वालों के मन से | क्योकि ....राजीव के सिर पर पैसा कमाने का भुत सवार हो गया | पिता जी ने उनको बहुत समझने की कोशिश किन्तु उन्होंने पिता की बात कभी नही मानी ,जबकि कई बार तो ऐसा हुआ ....जहाँ काम किया ..बच्चा समझ कर काम तो ज्यादा लिया ही ल