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Teen maut || rahul raj renu ||तीन मौत || राहुल राज रेणु || part-1

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                                                                 -ःतीन मौतः-                                                                                                        -राहुल राज रेणु    रात का खाना खाने के बाद थोड़ी बहुत खाना बच जाती थी। उस खाने को सुलोचना बाहर बरामदा पर रख जाती थी।    “सुलोचना कटिहार के सबसे धनी लाला का दुलारी बेटी थी। सुलोचना के पिता जी इज्जतदार व्यक्ति थें।उनके घर में तीन ही आदमी का बसेरा रहता.....माँ-पिता जी और सुलोचना।सुलोचना का एक बड़ा भाई बैंगलोर में ईंजीनियर  की पढ़ाई कर रहा है।सुलोचना बी0एस0सी की छात्रा हैं।”   सोमवार की रात को सुलोचना खाना खाने के बाद बाहर बरामदे पर खाना कुत्तों को खाने रख गईं।सोने के कुछ देर बाद अचानक  उनको याद आई कि अँगुठी भी वह बाहर ही छोड़ गई हैं।उलटे पाँव वह वापस बाहर आने लगी ,उसने देखा कि एक आदमी काॅफी बुरी तरह से फटी-चिटी गंदी कपड़ा पहना हुआ ।सर की बड़ी-बड़ी भद्दी बाल,दाड़ी भी बड़ी पुरा गंदा दिख रहा था।सुलोचना काॅफी डर गई...वह व्यक्ति भी ठंड से सिकुड़ रहा था। ठंड से उनके हाथों से वह जुठा खाना खाया नही जा रहा था।सुलोचना भिखारी स

वह पिस्तौल वाला लेखक- फणीश्वरनाथ रेणु | wah pistol wala lekhak - phanishwar nath renu |rahulrajrenu|राहुल राज रेणु |

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  वह पिस्तौल वाला लेखक- फणीश्वरनाथ रेणु --------------------------- गांवों की जीवन्तता के अद्भुत चितेरे हिंदी लेखक फणीश्वरनाथ रेणु की यह दुर्लभ तस्वीर 1951-52 में नेपाल में राणाशाही के विरुद्ध हुई क्रांति के दौर की है। नेपाल राष्ट्र को अपनी मौसी मां कहने वाले रेणु उस वक़्त उस क्रांति में अपने मित्रों (कोईराला बन्धु) का साथ देने पहुंच गए थे। उस क्रांति में रेणु को नेपाली रेडियो के संचालन की भूमिका दी गयी थी। यह सीधे सीधे बंदूक चलाने वाला काम नहीं था। मगर जब वे उस क्रांति में भाग लेने जा रहे थे तो कहा जाता है कि उनकी पत्नी लतिका रेणु ने उन्हें यह पिस्तौल भेंट की थी कि बुरे वक़्त में यह उनकी रक्षा करेगा।लेकिन ऐसा नहीं है,रेणु के व्यक्तिगत जीवन में उनके अनेक शत्रु थे,जो रेणु को परेशान करते थे और उनकी जान लेना चाहते थे।स्थिति को देखते हुए उनके परम मित्र राष्ट्र कवि दिनकर जी ने रेणु को सुझाव दिया कि तुम एक पिस्तौल आत्मरक्षार्थ ले लो.. दिनकर जी उन दिनों राज्यसभा के सदस्य थे और प्रधानमंत्री नेहरु जी के काफी प्रिय थे,तो उन्होंने रेणु की सिफारिश पिस्तौल के लाईसेंस के लिए नेहरु जी से किया और बात